Sunday, November 30, 2008

अफ़्सोस

२०० लोग जाँबहक हो गये १६ वीर शहीद हो गये परन्तु एक भी नेता नहीं मरा और न ही घायल हुआ। राज और बाल दोनो ठाकरे घरों में दुबके रहे। जो आये भी वो अपनी - अपनी रोटियाँ सेंकते नजर आये। शहीदों और मौत की अगोश में गये बेगुनाह लोगों के प्रति अपनी श्रद्धाञ्जलि अर्पित करते समय एक मोमबत्ती नेताओं की दिवंगत आत्माओं की इस देश से मुक्ति के लिये भी जलायें। इनके लिये विश्व एड्स दिवस पर हमारी और आपकी हार्दिक शुभकामनायें।
इस सन्देश कॊ देश के कॊने - कोने में न पहुँचा कर चौराहे - चौराहे पर पहुँचायें । क्योंकि कोनें में गयी चीज कोनें मे ही रह जाती है।
अफ़्सोस सहित
आपका
अमिताभ

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